Bajrang Das's blogs
Saturday, 7 February 2015
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं है, चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं है,
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
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