Wednesday, 17 December 2014

ग़लतफ़हमियों के सिल सिले इस कदर फैले हैं... कि हर ईंट सोचती है,दीवार उसी से है...

ग़लतफ़हमियों के सिल सिले इस कदर फैले हैं...
कि हर ईंट सोचती है,दीवार उसी से है..

No comments:

Post a Comment