Bajrang Das's blogs
Wednesday, 5 November 2014
हिलते लबो को तो दूनिया जान लेती है..। . . . . . मुझे उस शक्स कि तलाश है जो मेरी खामोशी जान सके...।।
हिलते लबो को तो दूनिया जान लेती है..।
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मुझे उस शक्स कि तलाश है
जो मेरी खामोशी जान सके...।।
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