Monday, 26 January 2015

कभी संभले तो कभी बिखरते नज़र आये हम, ज़िंदगी के हर मोड़ पर ख़ुद में सिमटते आये हम... यू तो ज़माना कभी ख़रीद ही नहीं सकता मुझे, मगर प्यार के दो लफजो से सदा बिकते आये हम !!!

कभी संभले तो कभी बिखरते नज़र आये हम,
ज़िंदगी के हर मोड़ पर ख़ुद में सिमटते आये हम...

यू तो ज़माना कभी ख़रीद ही नहीं सकता मुझे,
मगर प्यार के दो लफजो से सदा बिकते आये हम !!!

No comments:

Post a Comment