Bajrang Das's blogs
Monday, 6 April 2015
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर...! तुमसे मिलकर,,बिछड़ जाना, ये थोडा ज्यादा हो गया...।
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर...!
तुमसे मिलकर,,बिछड़ जाना, ये थोडा ज्यादा हो गया...।
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